[himachal-pradesh] - कुल्लू दशहरा : राज परिवार की दादी हैं देवी हिडिम्बा, इनके आगमन से ही शुरू होता है महाकुंभ
देवभूमि हिमाचल में कुल्लू में 19 सितंबर से शुरू हो रहे देवी-देवताओं के महाकुम्भ दशहरा उत्सव के लिए देवी-देवताओं का आना शुरू हो गया है. अपने रथ और पालकियों में विराजमान देवी-देवता होकर अपने स्थायी मन्दिरों से ढालपुर शहर के लिए रवाना हो गऐ हैं.
कुल्लू के ढालपुर मैदान में अगले सात दिन तक देवी-देवताओं का महाकुंभ देखने को मिलेगा. सैकडों देवी-देवता जहां यहां पहुंचेंगी, वहीं राजपरिवार की दादी माता हडिम्बा भी कुल्लू पहुंचेगी. इनके आगमन के साथ भगवान रघुनाथ की रथयात्रा शुरु होगी.
इसलिए अलग है कुल्लू का दशहरा
कुल्लू का दशहरा पूरे देश और दुनिया में मनाए जाने वाले इस पर्व से अलग है. क्योंकि जब देश-दुनिया में दशहरा खत्म हो जाता है, तब इसका आगाज होता है. इसमें रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले भी नहीं जलाए जाते हैं. कहा यह भी जाता है कि लोगों को यहां भगवान राम के अयोध्या लौटने की सूचना देरी से मिली थी.मां हडिम्बा का रोल...
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