[mathura] - आठ साल से कर रहे अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार
वृंदावन (मथुरा)। जिसका कोई नहीं है उसका भगवानदास है। भगवानदास एक ऐसे शख्स हैं जो पिछले आठ साल से उन शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं जिन्हें कोई अपनाने वाला नहीं। वह अब तक 1000 को मुखाग्नि दे चुके हैं। कोई सरकारी मदद नहीं मिलती बल्कि वह अपने खर्च पर वृंदावन में मिलने वाले शवों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार करते हैं।
भगवानदास का कहना है कि 2010 जनवरी माह में अज्ञात शवों की दुर्गति रोकने के लिए उन्होंने यह बीड़ा उठाया था। वह अपने परिवार के साथ मथुरा जा रहे थे तभी रास्ते में एक वृद्ध के शव को झाड़ियों के पास जानवर नोंच रहे थे। यह देख उनका कलेजा कांप उठा और उन्होंने शव का विधि-विधान से यमुना किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया।...
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