[sagar] - mp election 2018 : किसान करे तो का करे, टैम पे पैसा नईं मिल रव
सागर. बंडा रोड पर नरयावली विधानसभा का आखिरी गांव कर्रापुर। शहर से लगभग बीस किलोमीटर दूर। कहने को गांव है, लेकिन आबादी और मतदाता के लिहाज से किसी कस्बे से कम नहीं। लोगों की आय का मुख्य जरिया खेती-किसानी है, लेकिन यह जरिया दु:ख दे रहा है। न तो सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है और न ही बिजली। सिंचाई के लिए 24 में से 10 घंटे बिजली नाकाफी साबित हो रही है। मतदाताओं का मन टटोलने के लिए पत्रिका की टीम गांव पहुंची तो उन्होंने यही दु:खड़ा रोया।
चाय की दुकान पर दो लोगों ने बात शुरू की तो चार-छह लोग और पहुंच गए। युवाओं सहित बुजुर्गों ने भी अपनी बात रखी। बेंच पर खैनी रगड़ रहे 87 वर्षीय भागवल सिंह कहते हैं कि भैया किसान का करे। फसल भावांतर में बेच दी, लेकिन टैम पे पैसा नईं मिल रव। कई बार गुहार लगा चुके, लेकिन हर बार मिल जैहे को भरोसा मिल रओ, पैसा नहीं। अब तक सूखा की मदद भी नहीं मिली। ग्राम पंचायत सिमरिया के किसान बृजेश सिंह बोल उठे। 40 एकड़ जमीन के काश्तकार बृजेश का दु:ख है कि उनके कुएं में पानी इतना है कि चौबीस घंटे मोटर चला लें, लेकिन बिजली केवल दस घंटे मिल रही है। लाइट खराब होने के कारण दो दिन से मोटर ही नहीं चली, सो खेत से निकलकर कर्रापुर आ गए। नेता कहते हैं कि अब वह कुछ नहीं कर सकते। आचार संहिता जो लगी है। महेंद्र कहते हैं साहब कोई लगाम नहीं है अफसरों पर। गरीब मर रहा है।...
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