[kanpur] - मुआवजे की मांग पर चटक रहा है पुलिस का डंडा, 'फसल क्या जली, उम्मीदें राख हो गईं!'
यूपी के इटावा जिले में भरथना के सुजीपुरा गांव में गेहूं की फसल जलने से तबाह हुए किसान परिवारों में सन्नाटा पसरा है। गत रविवार को हाईटेंशन लाइन के गिरने से गेहूं की करीब 200 बीघा फसल क्या जली, इन परिवारों की उम्मीदें भी उसके साथ राख हो गई। इस अग्निकांड से 78 किसानों के लिए रविवार का दिन काला साबित हुआ है। इनमें से कई के यहां तो चूल्हे तक नहीं जले।
गांव के सूरज सिंह के पुत्र राजेश यादव भी उन पीड़ितों में शामिल हैं। जिनकी करीब 12 बीघा फसल जलकर राख हो चुकी है। एक तरफ फसल जलने से परिवार के भरण पोषण की समस्या उठ खड़ी हुई है तो दूसरी तरफ उनके पुत्र व पुत्री की शादी की तैयारियां ठप हो गई हैं। दुखी मन से राजेश ने बताया कि पुत्र पुष्पेंद्र का 25 अप्रैल को तिलक कार्यक्रम होना था। शादी के कार्ड बांटे जा रहे थे। बेटी निधि की भी शादी तय होने जा रही थी। लड़के वालों को देखने आना था। घर में खुशी का माहौल था। गेहूं की लहलहाती फसल पर उम्मीद टिकी थी। मगर आग ने सब कुछ तबाह करके रख दिया। अब कैसे बेटा और बेटी की शादी होगी। घर कैसे चलेगा, दिमाग सुन्न है।
नुकसान हुआ सो हुआ और पुलिस का भय अलग
सुजीपुरा गांव के लोग दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। एक ओर उनकी पकी हुई फसल जल चुकी है, ऊपर से पुलिस का भय बना हुआ है। पुलिस के डर से गांव की गलियां सूनी पड़ी हैं। पुरुषों के साथ साथ महिलाओं और बच्चों को भी दूसरी जगहों पर रात बसर करनी पड़ रही है।
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