[agra] - ताजमहल पर बंदरों का आतंक, नसबंदी योजना के बाद भी तेजी से बढ़ रही इनकी संख्या
ताजमहल और आगरा किला जैसे स्मारकों समेत पुराने शहर में बंदरों का आतंक है। दर्जनों विदेशी सैलानी इनका शिकार बन चुके हैं। बंदरों को पकड़ने और उनकी नसबंदी के लिए सरकारी विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं, लेकिन इनकी देरी ने बंदरों की संख्या बढ़ाकर मुसीबत और बढ़ा दी है।
वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक बेहद तेज प्रजननशीलता के कारण दस हजार बंदर 10 साल में तीन लाख हो जाएंगे। तब उन पर नियंत्रण कठिन होगा। सरकारी विभाग बंदरों को पकड़ने के मामले में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालेंगे, वैसे ही बंदरों की संख्या और उनका आतंक बढ़ जाएगा।
मादा बंदर हर साल दो बच्चों को जन्म देती है। नए बंदर खाने की तलाश में नए इलाकों की तलाश कर रहे हैं। तीन साल पहले तक ताजमहल पर बंदरों का ऐसा आतंक नहीं था, लेकिन अब खाने की तलाश में 250 से ज्यादा बंदरों का ग्रुप हर सुबह और शाम ताजमहल में दिखता है, जो सैलानियों को खौफ में रखे हुए है।
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