[barmer] - संत देते सही मार्ग पर चलने की सीख
बालोतरा.
संत सदैव सत्य के मार्ग पर चलने की सीख देते हैं। संत स्वयं के लिए नहीं सम्पूर्ण समाज के लिए जीवन जीते हैं। संतों का सदैव सम्मान करें। खेड़ापाधाम के संत मोहनराम ने बुड़ीवाड़ा के बड़ा रामद्वारा में संत सालगराम की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सेवा परमोधर्म है। सेवा करने से अहंकार खत्म होता है। एक-दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ता है। इसलिए सेवा कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लें। संत बलराम,योगाचार्य ध्यानदास, गिरधारीदास, रघुवीरदास
ने संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जन्म दुर्लभ है। 84 लाख योनियों में भटकने के बाद यह जन्म मिलता है। इसके महत्व को समझते हुए सेवा व परोपकार के कार्य करें। दैनिक जीवन में से कुछ समय निकालते हुए ईश्वर नाम का स्मरण जरूर करें। बड़ाराम द्वारा बुड़ीवाड़ा के संत काशीराम, जेराराम, कूंभाराम तरक ने आरती उतार कर महाप्रसादी का भोग चढ़ाया। इस अवसर पर हेमसिंह, पूनमाराम, ओंकारसिंह, भीखाराम, स्वरूपसिंह, हाथीराम, देवाराम, मांगीलाल, बालकराम, भूदराराम, छत्तराराम, कानाराम, सुजानाराम, जगनाराम, महादेव, अणदाराम, वागाराम, बाबूलाल, दीपाराम, गणपत चौधरी, नारायण, हरिराम आदि मौजूद थे।...
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