[dindori] - अनूठे ढंग से किया कजलियों की परंपरा का निर्वहन
डिंडोरी। ग्राम मडियारास मेंं पिछले सैकड़ों सालों से कजलियां का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लगभग 52 गांव के लोग कजलियां पर यहां एकत्र होते हैं और एक दूसरे को रक्षासूत्र बांध आपस में भाईचारे को मजबूत करते हैं। रिश्तेदारों को विशेष तौर पर इस दिन के लिये आमंत्रित किया जाता है। कजलियां को लेकर यहां उत्सुकता इतनी रहती है कि महीनों पूर्व यहां पर कार्यक्रमों की तैयारी चलती रहती है। समाज को त्यौहार के बहाने एक सूत्र में पिरोने की अनूठी परंपरा का निर्वहन ग्रामीण लगातार कर रहे हैं। युवा वर्ग भी इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ा रहा है। साल दर साल यहां के कार्यक्रमों में रौनक बढती जा रही है। सोशल मीडिया में खोये रहने वाले युवा को यहां की असल जिंदगी की खुशी देखने को मिल रही है। यहां होने वाली प्रस्तुतियों में किसी तरह की फूहडता भी देखने को नहीं मिलती है। बल्कि धार्मिक और शौर्य गाथाओं की जीवंत प्रस्तुतियों का मंचन यहां पर किया जाता है। ताकि समाज में किसी तरह की कटुता न फैल पाये। ग्रामीण लाल धारि सिंह ने बताया कि ग्राम मडिय़ारास में रक्षाबंधन दूसरे दिन बिना किसी जात पात, भेदभाव के साथ सभी ग्रामीण एक साथ मिलकर मनाते है। गौकरण पाठक ने बताया कि जिनके भाई बहन या परिजन नही होते विशेषकर आज के दिन उसे राखी बांधी जाती है। खेमकरण ने बताया कि अपने आप में ये अनोखा रिवाज उन लोगों को खुशी देता है। जिनका इस संसार में कोई नही होता। गौरतलब है कि कार्यक्रम में गांव के बड़े बुजुर्ग भी सम्मिलित होते है। जिन्हे राखी बांधकर युवक आशीर्वाद लेते है। पूर्व से चली आ रही इस परंपरा में ग्राम की ही नाटक नौटंकी की मंडलियॉ बारी-बारी से अपनी प्रस्तुति देती है। साथ ही ग्रामीणों की ओर से विशेष पूजा-अर्चना के साथ भजन, कीर्तन भी किया जाता है। सरपंच महेन्द्र ने बताया कि मंडली के सदस्यों में से दो लोग एक भगवान शिव व दूसरा पार्वती का रूप धारण करता है। मण्डली के कुछ सदस्य भी उनके साथ अनेकों रूप धारण कर गांव भ्रमण करते है व देर षाम तक भ्रमण करने के पश्चात सभी ग्रामीण ठाकुर देव के पास पहुंच कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते है।...
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