[lalitpur] - अनाज घोटाले में कोटेदारों तक सीमित रही कार्रवाई
अनाज घोटाले में कोटेदारों तक सीमित रही कार्रवाई
ललितपुर। प्रदेश के चर्चित अनाज घोटाले में ललितपुर का नाम आने के बाद भी कार्रवाई चंद कोटेदारों तक ही सिमटकर रह गई है। इस प्रकरण में अब तक किसी भी अधिकारी जिम्मेदार नहीं माना गया है, जबकि राशन का वितरण पर्यवेक्षणीय व्यवस्था में किया जाता है। इससे कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। शासन ने सस्ते दामों पर मिलने वाले अनाज को पारदर्शी तरीके से गरीबों तक पहुंचाने के लिए ई पॉस मशीन का इस्तेमाल किया। लेकिन यह मशीन भी घोटालेबाजों के मंसूबों को ध्वस्त नहीं कर पाई। जिले में पूर्व से चल रही पर्यवेक्षणीय व्यवस्था की भी पोल खुल गई। इन बड़ा पहरा होने के बाद भी अनाज दूसरों के हाथों में पहुंचता रहा और अधिकारी उसे प्रमाणित करते रहे। जिन अधिकारियों ने अपने पर्यवेक्षण राशन का वितरण कराया है, अब वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। लेकिन जब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बारी आई तो पर्यवेक्षण अधिकारी सहित सर्विस प्रोवाइडर का नाम नदारद था। जब जिला पूर्ति अधिकारी विजय प्रभा से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि अनाज वितरण का सारा डाटा सर्विस प्रोवाइडर के पास रहता है। जिस कारण अधिकारी अनाज घोटाले को पकड़ नहीं सके।
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