[karauli] - यहां दिन हो रहा हिरणों का शिकार, शव दिखने पर गांवों में मच जाता है कोहराम, लेकिन सरकार के पास नहीं शायद उनके लिए कोई मरहम
करौली/हिंडौन/निसूरा/बालघाट.
राजस्थान में केलादेवी अभ्यारण्य व चंबल से जुड़े जंगल में भी वन्यजीव सुरक्षित नहीं है। इनसे सटे गांव-कस्बों के लोग आए दिन हिरणों की लाशें देखते हैं। लेकिन सरकारी तंत्र मानों आंख मूंदे बैठा है, आखिर क्यों हिरणों का शिकार हो रहा है और वे कब तक बेमौत मरेंगे..
कुत्तों के हमले में एक और हिरण मरा
बदलेटा गांव के चरागाह क्षेत्र में श्वानों के हमले से एक और हिरण की मौत हो गई। इससे पहले मई में 10 हिरणों की लाश करौली जिले के एक ही इलाके से बरामद हुई थीं, उनके अंग नुंचे हुए थे। अलग-अलग घटनाएं में इस वर्ष 20 से ज्यादा हिरण मारे जा चुके हैं, ये सिर्फ श्वानों का ही आंकडा है। लगातार हो रही हिरणों की मौत को लेकर यहां ग्रामीणों में रोष है।...
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