अंगद नाम बाली कर बेटा तो सौं कबहूं हुई नहीं भेंटा...
जिला मुख्यालय की सदर और टकाना की रामलीला में अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण का मंचन किया गया। गंगोलीहाट की रामलीला में दशरथ मरण का मंचन किया गया। दशरथ मरण से पूर्व मंचित श्रवण कुमार नाटक ने लोगों को झकझोर दिया।
जिला मुख्यालय के सदर और टकाना की रामलीला में दूत बनकर रावण दरबार में पहुंचे युवराज अंगद और रावण के बीच लंबा संवाद होता है। रावण अंगद का परिचय पूछता है। अंगद कहते हैं 'अंगद नाम बाली कर बेटा तो सौं कबहूं हुई नहीं भेंटा। रावण कहता है 'अंगद तू ही बाली कर बालक'।
अंगद के समझाने पर रावण नहीं मानता। अंगद जमीन में पैर जमाकर राक्षस वीरों को पैर उठाने की चुनौती देते हैं। रावण पुत्र मेघनाद के साथ ही तमाम राक्षस वीर अंगद का पैर हिला तक नहीं पाते। रावण अंगद का पैर उठाने आता है, तो अंगद पैर पीछे खींचते हुए कहते हैं, अरे अरे दुष्ट मेरे पैर क्या पकड़ता है, भगवान श्रीराम के पैर पकड़ तेरा उद्धार होगा। सदर की रामलीला में रावण की भूमिका राजेंद्र वर्मा, अंगद की भूमिका कौशल भट्ट ने निभाई। टकाना की रामलीला में रावण की भूमिका योगेश भट्ट, अंगद की भूमिका मनोज रावत ने निभाई।...
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