अहंकारी दशानन का अंत
अहंकारी दशानन का अंत
शामली। विजयदशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। शहर के हनुमान धाम स्थित रामलीला मंच पर राम और रावण की सेना की बीच युद्ध हुआ। भगवान श्रीराम ने विभीषण के कहने पर रावण की नाभि में तीर मारकर अहंकारी रावण का अंत कर दिया। इसके बाद मैदान में लगे रावण-कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले दहन किए।
शहर के हनुमान धाम स्थित रामलीला मंच पर राम और रावण की सेनाओं के बीच युद्ध की लीला का मंचन हुआ। राम और रावण के बीच संवाद हुआ। अहिरावण का वध मंच पर दिखाया गया। इसके बाद प्रभु राम और रावण के बीच युद्ध हुआ। विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत है। उसके सूखने पर ही उसका अंत होगा। इसके बाद जैसे ही राम ने रावण की नाभि में अग्निबाण मारा, अहंकारी रावण का अंत हो गया। इसके बाद मैदान में लगे रावण ,मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए।...
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