कराहती प्रसूता को चिकित्सकों ने अस्पताल से निकाला
छतरपुर. जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल से एक बार फिर से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। पति के साथ आई प्रसूता को डॉक्टरों ने बाहर निकाल दिया। दो घंटे तक प्रसूता दर्द से अस्पताल के बाहर कराहती रही। इस बीच गर्भवती महिला का पति और उसके परिजन लगातार डॉक्टरों के हाथ-पैर जोड़ते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।
पीडि़त महिला के पति जागेश्वर ने बताया कि डॉक्टर का कहना था कि उसकी पत्नी के शरीर में ब्लड की कमी है और जल्दी ही ब्लड का इंतजाम करो। पीडि़ता ने बताया कि उसकी मां और पिता ब्लड बैंक के लगातार चक्कर लगाते रहे, लेकिन ब्लड बैंक अधिकारियों ने उनका खून लेने से मना कर दिया। अधिकारियों का कहना था कि उसकी मां-पिता और खुद जागेश्वर अपना खून देने के लायक नहीं है। जब गर्भवती महिला से बात की तो पता चला कि महिला दिव्यांग है और उसे कम सुनाई देता है। जिस वक्त जागेश्वर एवं उसकी पत्नी राजकुमारी वार्ड के बाहर बैठी थी और दर्द से तड़प रही थी, मीडिया के लोगों ने जब सिविल सर्जन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने गर्भवती को रक्त मुहैया कराने की बात कही। इसके बाद तुरंत मेटरनिटी वार्ड में गर्भवती महिला को भर्ती किया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस गर्भवती महिला को डॉक्टर एवं नर्सों ने खून की कमी बताकर बाहर निकाल दिया था। बाद में उस महिला को ना तो खून की कमी निकली और ना ही उसका कोई ऑपरेशन हुआ।...
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