खुद की जवानी तेरी जिन्दगी को दे दी प्यारे, ऐसे बूढे पिता का कर्ज मत भूल...
करेड़ा। जिन्दगी में लाख उंची हो भले उडान तेरी परिवार के प्रति तू फर्ज मत भूलना, खुद की जवानी तेरी जिन्दगी को दे दी प्यारे, ऐसे बूढे पिताजी का कर्ज मत भूलना... कविता की पक्तियों पर कवि कानू पण्डित ने उपस्थित श्रोताओं की दाद बटोरी। अवसर था सोमवार रात को भीलवाड़ा जिले के करेड़ा कस्बे में आमदला गांव स्थित आमज माता मन्दिर प्रांगण में आयोजित कवि सम्मेलन का। Kavi Sammelan at Kareda in Bhilwara
हस्त पैरोडीकार सम्पत सुरीला ने ...मेरे माता पिता ही कसाई किसी से अब क्या कहना, मुझे गर्भ में ही मरवाई मेरी कोख में चिता जलाई, किसी से अब क्या कहना..., संदीप जैन ने ...राजस्थानी माटी के प्रताप ने दिया प्रताप, यूं दिया कि पूरे देश का प्रताप बढ गया...., प्रहलाद पारीक भीलवाड़ा ने ....यार से ऐसी यारी रख दु:ख में भागीदारी रख लोग भले ही कुछ भी बोले तू तो जिम्मेदारी रख..., सोहन चौधरी ने ...छम-छम करती मीरा नाची था सामे रणछोडजी सुपना में गोपाल परणगी बांध प्रीत को मोडजी..., रामू रंगीला ने ..रोज उठते ही मां के चरण चूम लेता हूं, हो हर काम पूरा ये मन्नत मैं मांग लेता हूं ...आदि प्रस्तुतियां दी। Kavi Sammelan at Kareda in Bhilwara...
फोटो - http://v.duta.us/DRCk5gAA
यहां पढें पूरी खबर- - http://v.duta.us/cOlIuwAA