दशहरा की राम-राम पहुंचे...पान खाओ जू...
टीकमगढ़. भारत कृषि प्रधान देश ही नहीं परम्पराओं का देश भी है। देश में कोस-कोस पर पानी और बोली बदल जाती है। वहीं कुछ परम्पराएं भी अनूठी हैं। जी हां, बुंदेलखंड में दशहरा पर एक अनूठी परम्परा है जो सदियों से चली आ रही है।यह परम्परा है दशहरा पर पान खिलाने की।
आज भी यह परम्परा उत्साह के साथ बखूबी निभाई जा रही है।पान की दुकानों पर ग्राहकों की लम्बी-लम्बी कतारें और लोगों के ओठों की लाली इस परम्परा के साक्षी हैं। बुंदेलखंड में इस परम्परा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पान की जिस दुकान में अन्य दिनों औसतन दो सौ खिल्ली पान की बिक्री होती है, उन्हीं दुकानों में दशहरा के दिन पान की बिक्री संख्या हजारों में हो जाती है।...
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