पांच हजार सवारी गाड़ियां 20 हजार की आबादी से खेल रही हैं
पब्लिक की जान की कीमत भी समझो भाई
ऑटो और टेंपो शहर की यातायात सुविधा का सबसे बड़ा जरिया है। सैकड़ों लोग हर रोज इनमें सफर करते हैं लेकिन जान जोखिम में रखकर। ऑटो और टेंपो चालक ट्रैफिक नियमों की परवाह नहीं कर रहे हैं। शहर में परमिट से अधिक टेंपो और ऑटो दौड़ रहे हैं। ओवरलोडिंग खुलेआम हो रही है। कई ने अपने वाहनों में अवैध रूप से गैस किट लगा रखी है। किसी को किसी की परवाह नहीं है। जिम्मेदारों को न दिख रहा है न ही वे सुन रहे हैं।
चार साल पहले बनाए थे नियम
हल्द्वानी-लालकुआं रूट पर छेड़खानी के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने करीब चार साल पहले सभी रूट के टेंपो का कलर निर्धारित किया था। चालकों के ड्रेस कोड भी लागू किया था। कहा गया था कि सवारी गाड़ी में चालक का नाम-पता और मोबाइल नंबर बड़े अक्षरों में लिखा जाना अनिवार्य है। पुलिस और महिला हेल्प लाइन नंबर भी दर्ज किया जाना था।...
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