प्रशव केंद्र मे 2 घंटे तड़पती रही प्रसूता, नहीं मिला उपचार
सीधी/पथरौला। जिले के शासकीय अस्पतालों की हालत दिन ब दिन बद स बद्तर होती जा रही है। चिकित्सकों की कमी से जिले के शासकीय अस्पताल महज औपचारिकता बन कर रह गए हैं। संस्थागत प्रशव को बढ़ावा देने के लिए जहां एक ओर शासन द्वारा लगातार अनेक प्रयाश किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशव केंद्रों में चिकित्सक न होने से प्रशव के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को व उनके परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है।
कुछ ऐसा ही मामला विगत दिवश जिले के जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य सह प्रशव केंद्र पथरौला का प्रकाश में आया है। जहां विगत सोमवार को सुबह करीब 9 बजे एक प्रसूता को परिजनों के द्वारा प्रशव के लिए प्रशव केन्द्र पथरौला मे लाया गया था। किंतु प्रशव केंद्र मे ताला जड़ा था। यहां पदस्थ कर्मचारी भी अस्पताल से नदारद थे। लिहाजा यहां पदस्थ सफाई कर्मी द्वारा दर्द से तड़पती महिला का हाल देखा नहीं गया और उसने प्रशव कक्ष का ताला खोलकर 2 घंटे बाद 11 बजे कुशलतापूर्वक गर्भवती महिला का प्रशव कराया गया। किंतु प्रशव के बाद भी महिला दर्द से कराह रही थी और उसे कोई देखने वाला नहीं था। तब परिजनों द्वारा एक जन स्वास्थ्य रक्षक को बुलाकर आवश्यक उपचार कराया गया।...
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