[madhya-pradesh] - भोपाल में हिंदू और हिंदुत्व के बीच विकास का मुद्दा पीछे छूटा
बिशन कुमार
भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर बेरसिया कस्बे में भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता एक कार्यकर्ता बैठक में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की प्रतीक्षा कर रहे थे. साध्वी प्रज्ञा साढ़े तीन घंटे देर से पहुंचीं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को असहनीय गर्मी में इंतजार कराने के लिए कोई अफसोस नहीं जताया. प्रज्ञा ने आंखें बंदकर जैसे ही मंत्र पढ़ना शुरू किया, सब कुछ माफ कर दिया गया. वह जानती थीं कि उसके समर्थक उनके सम्मोहन में हैं.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अभी कुछ दिन पहले ही भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है और वह चुनावी गहमागहमी में फंस गई हैं, क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पास डेढ़ महीने की स्पष्ट बढ़त है. दिग्विजय सिंह के खिलाफ खड़ा होने के कारण उन्हें राज्य में दिग्विजय सिंह के जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मजबूत रिश्ते का मुकाबला करना है. हर सभा में साध्वी प्रज्ञा आरएसएस और हिंदू मतदाताओं को आतंकवादी ’कहने के लिए दिग्विजय सिंह का विरोध कर रही हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कहती हैं कि दिग्विजय सिंह ने बार-बार सभी हिंदुओं के साथ-साथ सनातन धर्म का भी अपमान किया है. वह संकल्प लेते हुए कहती हैं, मैं भगवा को सम्मान दिलाकर रहूंगी....
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